Top soybean variety 2023: ये सोयाबीन की उन्नत किस्में जो देती है बंपर पैदावार, बेस्ट सोयाबीन वेराइटी
Top soybean variety 2023: सोयाबीन का उत्पादन भारत में बात दूसरे स्थान पर आता है सबसे ज्यादा उत्पादक राज्य मध्यप्रदेश का स्थान आता है उसके बाद महाराष्ट्र और राजस्थान में उत्पादन होता है सोयाबीन को एमपी में पीला सोना भी कहा जाता है मध्य प्रदेश में तकरीबन 58 लाख एकड़ क्षेत्रफल में सोयाबीन की खेती की जाती है। ऐसे में हम जानेंगे टॉप सोयाबीन वेराइटी एवम् अन्य सभी जानकारी जिससे किसान साथी अच्छी पैदावार ले सके।
बेस्ट सोयाबीन वेराइटी: इस समय सीजन की कटाई अपनी पिक पर है, सोयाबीन की बंपर पैदावार के लिए अभी से ही खेतो की निराई गुड़ाई यानी खेतों मै अच्छी पैदावार हेतू खेतो को तैयार कर लेना चाहिए। कृषि मंत्रालय द्वारा सोयाबीन की खेती (Soybean Farming) हेतु कुछ गाइडलाइन जारी किए गए हैं जिसके बारे में हम आपको आज विस्तार से जानकारी देंगे।
सोयाबीन की बंपर पैदावार हेतू जुताई/ बेस्ट सोयाबीन वेराइटी
Top Soybean variety 2023: रबी सीजन की फसलों की कटाई के तुरंत बाद अच्छे से खेतों की जुताई करे ताकि फसल अवशेष एवम् कीट पतंग आदि खेत में मौजूद है वो पूर्ण रूप से गहरी मिट्टी में दब जाए। मुख्य तौर पर सोयाबीन खरीफ की फसल है ऐसे में इस सीजन में ज्यादा की पता और बीमारियों का प्रकोप रहता है क्योंकि बारिश के समय ज्यादा और कीट पतंग बढ़ जाते हैं ऐसे में पहले से ही इनका प्रबंध कर लेना चाहिए यदि किसान साथी सही समय पर उनका प्रबंधन कर लेते हैं तो भविष्य में फसल को खराब नहीं करेंगे।
सोयाबीन का बीज प्रबंधन कैसे करें:
Top soybean variety 2023: सोयाबीन की खेती करने के दौरान देखने में आता है के बीज सही नहीं होने के चलते पैदावार अच्छी नहीं हो पाती जिससे किसान साथी बीज की किस्मों को सुनिश्चित नहीं कर पाते क्योंकि इस मौके पर सबसे उन्नत किस्म और क्वालिटी का बीज नहीं मिल पाता, जिसके चलते किसानों को कौन सा बीज का चयन करें यह बड़ा सवाल होता है।
बीज एवम् खाद की उचित मात्रा:
बुवाई करते समय किसानों को सबसे पहले 20 से 25 किलो नाइट्रोजन. 20 से 25 किलो पोटाश एवम् 60 से 80 किलो फास्फोरस आदि मात्रा को एक ही बार में अपने खेतो में बेसल डोज के तौर पर डाले। की बुवाई 20 जून से लेकर 5 जुलाई तक पूर्ण कर ले सोयाबीन का प्रति हेक्टेयर बीज 80 किलो लगता है जो तकरीबन 20 से 25 क्विंटल प्रति हेक्टेयर उत्पादन देता है।
सोयाबीन की जवाहर किस्म का करे प्रयोग/ best soybean seed in mp
सोयाबीन की की अच्छी पैदावार देने वाली कुल 18 किस्में है जो जवाहरलाल नेहरु यूनिवर्सिटी ने विकसित की है, जिनमें कुल क्षेत्र का 74 फीसदी हिस्से में 10 किस्मे उगाई जाती है, बकोल ब्रीडर बीज पूरे देश में 14 हजार क्विंटल की मांग है। इसमें सबसे ज्यादा 9 हज़ार क्विंटल बीज जवाहर सोयाबीन की है।
कि किस्मो का अपने खेतों में प्रयोग मिट्टी को ध्यान में रखकर करना बहुत महत्वपूर्ण है हल्की मिट्टी के लिए शीघ्र पकने वाली किसानों का ही चुनाव करें किसान साथी 9560 के साथ जे एन के वी द्वारा कुछ किस में विकसित की गई है जो 2069,2098,2034, एवम् कुछ नई विकसित किस्में जैसे 20-116 का प्रयोग उचित है। इसमें बीमारी कम लगती है एवम् उत्पादन अच्छा देती है।
सोयाबीन की टॉप किस्में /top Soybean variety
आरबीसीएम 20/ RBSM 20
Top soybean variety 2023: सबसे ज्यादा किसानों द्वारा जाने वाली किस्मों में यह ऊपर रहती है , यह सभी प्रकार की मिट्टी में उगाई जा सकती है और उत्पादन भी प्रति एकड़ अच्छा देती है।
Rbsm 1135 बीज, जीएस 2172,Rbs 2024/आरबीएस 2024 बीज :-
ये तीनो किस्में काफी अच्छी है जिसकी इस समय बहुत माग है , इनका उत्पादन प्रति एकड़ तकरीबन 12 से 15 क्विंटल तक हो जाता है जिसकी एमपी में काफ़ी मांग है।
JS 269 बीज:
इस किस्म को पकने में 105 से 110 दिन लगते हैं, इसका उत्पादन 10 से 12 क्विंटल प्रति एकड़ तक रहता है।
Nrc 138 बीज
यह किस्म कम समय में पकने वाली है, जो तकरीबन 92 से 97 दिन में पक जाति है किसानो के अनुसार इसका उत्पादन प्रति हैक्टेयर 11 से 13 क्विंटल प्रति एकड़ रहता है।
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Black bold/ब्लैक बोल्ड बीज
यह 10 से 12 क्विंटल उत्पादन देती है एवम् 90 से 95 दिन में पक जाति है।
सोयाबीन किस्म 6124/सोयाबीन किस्म 2034,1027 सोयाबीन किस्म: इनकी भी अच्छी मांग हो रही है, जो अच्छा उत्पादन देती है एवम् कम समय में पक जाति है।
सोयाबीन में विषाणु जनित एवम् मृदा रोगों का प्रबंधन:
प्रमुख रूप से सोयाबीन में विषाणु जनित रोगों की ज्यादा समस्या आती है ऐसे में सोयाबीन में पीला विचारों से लगता है इसका फैलने के कारण सफेद मक्खी है और पूरे खेत को यह पीला और सुखा देता है जिससे किसानों को काफी नुकसान का सामना करना पड़ता है पुरानी किस माह में यह अधिक देखा जा रहा है परंतु नहीं किस उम्र में इसका प्रकोप कम रहता है सफेद मक्खी से निजात पाने के लिए कुछ दवाएं जिस का छिड़काव करना चाहिए ।
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जड़ सड़न सबसे बड़ी समस्या : top Soybean variety 2023 in hindi.
बेस्ट सोयाबीन वेराइटी: सोयाबीन में सबसे बड़ा रोग चारकोल जड़ सड़न है जो मुख्य रूप से पूरे पोधो को सुखा देता है, एक बार खेत में यह रोग लग जाता है तो फसलों को बचाना काफी मुश्किल हो जाता है ऐसे में खेतों में फफूंद नाशक दवाओं का इस समय छिड़काव कर देना चाहिए। सोयाबीन में क्रमानुसार रोग हरा सेमालुपर, कंबल कीट, चकरभंग, तंबाकू इल्ली, अलसी इल्ली आदि नुक्सान पहुंचाते हैं। इनके बचाव हेतु किसान साथी उचित दवाओं का ही उपयोग करें।
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